क्या है नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ?
क्या है नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है ?
♥क्या है नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है ?
केंद्रीय कैबिनेट ने नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मंजूरी दी है।
ये योजना मौजूदा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की जगह लागू होगी।
सरकार के मुताबिक पुरानी योजना में कई तरह की खामियां थी जिसे इस नई योजना में सुधारा गया है।
नई योजना जून से लागू होगी।
♥प्रीमियम
♥नई योजना में किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी और रबी की फसल के लिए 1.5 फीसदी प्रीमियम देना होगा।
वहीं बागवानी के लिए प्रीमियम 5 फीसदी होगा।
बचा हुआ प्रीमियम राज्य और केंद्र सरकार आपस में आधा-आधा बांटकर भरेंगी।
नई योजना में किसानों को कम प्रीमियम देना होगा और क्लैम ज्यादा मिलेगा।
सरकार ने पिछली योजना से प्रीमियम पर लगाई गई सीमा को हटा दिया है।
साथ ही क्लैम का 25 फीसदी तुरंत किसानों के खाते में जमा हो जाएगा।
अब तक बीमा की रकम मिलने में बहुत देरी होती थी।
♥नई स्कीम सभी किसानों पर लागू होगी चाहे उन्होंने बैंक से लोन लिया है या नहीं।
जिन किसानों ने बैंक से कर्ज नहीं लिया है वो फसल बोने की शुरूआत के समय ही संबधित इलाके के सरकारी बैंक में जाकर प्रीमियम की रकम जमा करवा सकते हैं।
♥क्लैम कैसे निर्धारित होगा
मान लीजिए किसी किसान का बैंक में 2 लाख रुपए का किसान क्रेडिट कार्ड का लोन है।
तो उसे खरीफ की फसल के लिए 5 हजार प्रीमियम देना है।
अगर 50 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है तो किसान को 1 लाख रुपए का इंश्योरेंस क्लैम मिलेगा।
अब तक इस क्लैम पर प्रीमियम के आधार पर सरकार ने सीमा लगा रखी थी।
इसलिए किसानों को कम क्लैम मिल रहा था। फसल के नुकसान के आकलन के लिए सरकार ने अब टेक्नोलॉजी का उपयोग भी जरूरी कर दिया है।
♥पुरानी और नई स्कीम का अंतर
पुरानी बीमा स्कीम बनाम नई बीमा स्कीम
प्रीमियम ज्यादा था कम (सरकार किसान से 5 गुना ज्यादा प्रीमियम देगी)
एक सीजन-एक प्रीमियम नहीं हां
इंश्योरेंस कवर सीमित था कोई सीमा नहीं
अकाउंट में पेमेंट हां हां
जगह के हिसाब से कवरेज ओला, भूस्खलन ओला, बाढ़, भूस्खलन
फसल कटाई के बाद कवरेज तटीय क्षेत्र में तूफान की बारिश से कवरेज पूरे देश में तूफान और बेमौसम बारिश से कवरेज
टेक्नोलॉजी का प्रयोग जरूरी नहीं जरूरी
प्रीमियम और क्लैम में ऐसे आएगा अंतर
फसल धान मक्का तिल
सीजन खरीफ 2014 खरीफ 2014 खरीफ 2014
स्केल ऑफ फाइनेंस 30,000 18,000 27,000
(रु/हेक्टेयर में)
फसल का नुकसान 70% 70% 70%
♥मौजूदा कृषि बीमा योजना
प्रीमियम 22% 57% 42.34%
क्लैम की पात्रता 10,500 2,432 4,910
सीमा 11% 11% 11%
♥नई प्रधानमंत्री फसल बीमा स्कीम
प्रीमियम 2% 2% 2%
किसान का प्रीमियम 600 360 540
क्लैम की पात्रता 21,000 12,600 18,900
नई और पुरानी स्कीम 10,500 10,168 13,990
♥प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (प्राईम मिनिस्टर क्रॉप इनश्योरेंस स्किम)
भारतीय अर्थव्यवस्था के कृषि प्रधान होने के कारण भारतीय सरकार ने समय-समय पर कृषि के विकास के लिये अनेक योजनाओं को शुरु किया, जिसमें से कुछ योजनाएं, जैसे: गहन कृषि विकास कार्यक्रम (1960-61), गहन कृषि क्षेत्र कार्यक्रम (1964-65), हरित क्रान्ति (1966-67), सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (1973) आदि।
लेकिन इन सभी योजनाओं के बाद भी कृषि क्षेत्र की अनिश्चिताओं का समाधान नहीं हुआ, जिससे आज 21वीं सदी में भी किसान सुरक्षित नहीं है।
♥मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से भारत के हरेक क्षेत्र में विकास के प्रोत्साहन के लिये अनेक योजनाओं को शुरु किया है, जिसमें किसानों की फसल के संबंध में अनिश्चितताओं को दूर करने के लिये, भारत के प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने, 13 जनवरी 2016, बुद्धवार को, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (प्राईम मिनिस्टर क्रॉप इनश्योरेंस स्किम) को मंजूरी दे दी।
ये योजना 13 जनवरी को लोहड़ी (किसानों का त्योहार) के शुभ अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी द्वारा किसानों के लिए तौहफा है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुयी हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम करायेगी।
♥प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंन्द्र मोदी, द्वारा शुरु की गयी योजना है, जिसके शुरु करने के प्रस्ताव को 13 जनवरी 2016, को केन्द्रीय मंत्रीपरिषद ने अपनी मंजूरी दी है।
इस योजना के लिये 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च किया जायेगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत, किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिये 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करेगा।
♥प्राईम मिनिस्टर क्रॉप इनश्योरेंस स्किम, पूरी तरह से किसानों के हित को ध्यान में रख कर बनायी गयी है।
इसमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के खिलाफ किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत नीचा रखा गया है, जिनका प्रत्येक स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सके।
ये योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिये किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होगा।
♥प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मुख्य तथ्य
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों के त्योहार लोहड़ी, मकर संक्रान्ति, पोंगल, बिहू के शुभ अवसर पर भारतीय किसानों के लिये उपहार है।
किसानों के कल्याण के लिये इस फसल बीमा योजना में शामिल किये गये मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं:
♥प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भुगतान की जाने वाली प्रीमियम (किस्तों) दरों को किसानों की सुविधा के लिये बहुत कम रखा गया है ताकि सभी स्तर के किसान आसानी से फसल बीमा का लाभ ले सकें।
♥इस योजना को आने वाले खरीफ फसलों के मौसम से शुरु किया जायेगा।
इसके अन्तर्गत सभी प्रकार की फसलों (रबी, खरीफ, वाणिज्यिक और बागवानी की फसलें) को शामिल किया गया है।
खरीफ (धान या चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना आदि) की फसलों के लिये 2% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।
रबी (गेंहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि) की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों बीमा के लिये 5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।
♥सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
यदि बचा हुआ प्रीमियम 90% होता है तो ये सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
शेष प्रीमियम बीमा कम्पनियों को सरकार द्वारा दिया जायेगा।
ये राज्य तथा केन्द्रीय सरकार में बराबर-बराबर बाँटा जायेगा।
♥ये योजना राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एन.ए.आई.एस.) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एम.एन.ए.आई.एस.) का स्थान लेती है।
♥इसकी प्रीमियम दर एन.ए.आई.एस. और एम.एन.ए.आई.एस. दोनों योजनाओं से बहुत कम है साथ ही इन दोनों योजनाओं की तुलना में पूरी बीमा राशि को कवर करती है।
♥इससे पहले की योजनाओं में प्रीमियम दर को ढकने का प्रावधान था जिसके परिणामस्वरुप किसानों के लिये भुगतान के कम दावे पेश किये जाते थे।
♥ये कैपिंग सरकारी सब्सिडी प्रीमियम के खर्च को सीमित करने के लिये थी, जिसे अब हटा दिया गया है और किसान को बिना किसी कमी के दावा की गयी राशी के खिलाफ पूरा दावा मिल जायेगा।
♥प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत तकनीकी का अनिवार्य प्रयोग किया जायेगा, जिससे किसान सिर्फ मोबाईल के माध्यम से अपनी फसल के नुकसान के बारें में तुरंत आंकलन कर सकता है।
♥ये योजना सभी प्रकार की फसलों के प्रीमियम को निर्धारित करते हुये सभी प्रकार की फसलों के लिये बीमा योजना को लागू करती है।
♥प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत आने वाले 3 सालों के अन्तर्गत सरकार द्वारा 8,800 करोड़ खर्च करने के साथ ही 50% किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।
♥मनुष्य द्वारा निर्मित आपदाओं जैसे; आग लगना, चोरी होना, सेंध लगना आदि को इस योजना के अन्तर्गत शामिल नहीं किया जाता है।
♥प्रीमियम की दरों में एकरुपता लाने के लिये, भारत में सभी जिलों को समूहों में दीर्घकालीन आधार पर बांट दिया जायेगा।
♥ये नयी फसल बीमा योजना ‘एक राष्ट्र एक योजना’ विषय पर आधारित है। ये पुरानी योजनाओं की सभी अच्छाईयों को धारण करते हुये उन योजनाओं की कमियों और बुराईयों को दूर करता है।
♥प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को शुरु करने के कारण
पूरे विश्व में भारतीय व्यवस्था सबसे अनोखी अर्थव्यवस्था को धारण किया हुये है। भारतीय अर्थव्यवस्था को कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था कहा जाता है क्योंकि भारत की लगभग 71% जनसंख्या कृषि आधारित उद्योगो से अपना जीवन यापन करती है साथ ही पूरे विश्व में लगभग 1.5% खाद्य उत्पादकों का निर्यात भी करता है।
भारत दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादक देश है जो सकल घरेलू उत्पादन का लगभग 14.2% आय का भाग रखता है।
इस तरह, ये स्पष्ट हो जाता है कि भारत की लगभग आधी से ज्यादा जनसंख्या और देश की कुल राष्ट्रीय आय का लगभग 14% आय का भाग कृषि से प्राप्त होता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को एक मजबूत आधार मिलता है।
अतः कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कही जाती है।
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