वो थे पापा

जब मै सुबह उठा
तो कोई बहुत थक कर भी
काम पर जा रहा था,
वो थे पापा

जब मम्मी डाट
रही थी तो कोई
चुपके से हसा रहा था,
वो थे पापा

ये दुनिया पैसो से चलती है पर
कोई सिर्फ मेरे लिए
पैसे कमाये जा रहे थे,
वो थे पापा

पेड़ तो अपना फल खा नही सकते
इसलिए हमें देते है
पर अपना पेट खाली रखकर
मेरा पेट भरे जा रहा था,
वो थे पापा

खुश तो मुझे होना चाहिए कि
ओ मुझे मिले, पर मेरे जन्म लेने कि
खुशी कोई और मनाए जा रहा था,
वो थे पापा

मै अपने बेटा शब्द को
सार्थक बना सका या नही  पता नही
पर कोई बिना स्वार्थ के अपने
पिता शब्द को सार्थक बनाये जा रहा था,
वो थे पापा

सपने तो मेरे थे पर
उन्हें पुरे करने का रास्ता
कोई और बताये जा रहा था,
वो थे पापा

घर मे सब अपना प्यार दिखाते थे
पर कोई बिना दिखाये ही
ईतना प्यार किये जा रहा था
वो थे पापा

मै तो सिर्फ अपने खुशीयो मे
हसता हु, पर मेरी हसी देखकर
कोई अपने गम भुलाए जा रहा था
वो थे पापा...

Comments

Popular posts from this blog

अशक्य ही शक्य करतील स्वामी ।

पंचप्राण हे आतुर झाले, करण्या तव आरती

लागवडीचे अंतराप्रमाणे एकरी किती झाड बसतील ह्याचे गणित असे कराल!