बड़ों का अपमान न करना Respect Legends

1
सक्षम की करना नहीं, क्षमता का अपमान ।
रक्षा हित जो कार्य हैं, उनमें यही महान ॥


2
आदर न कर महान का, करे अगर व्यवहार ।
होगा उसे महान से, दारुण दुःख अपार ॥


3
करने की सामर्थ्य है, जब चाहें तब नाश ।
उनका अपचारी बनो, यदि चाहो निज नाश ॥


4
करना जो असमर्थ का, समर्थ का नुक़सान ।
है वह यम को हाथ से, करना ज्यों आह्‍वान ॥


5
जो पराक्रमी भूप के, बना कोप का पात्र ।
बच कर रह सकता कहाँ, कहीं न रक्षा मात्र ॥


6
जल जाने पर आग से, बचना संभव जान ।
बचता नहीं महान का, जो करता अपमान ॥


7
तप:श्रेष्ठ हैं जो महा, यदि करते हैं कोप ।
क्या हो धन संपत्ति की, और विभव की ओप ॥


8
जो महान हैं  अचल सम, करते अगर विचार ।
जग में शाश्वत सम धनी, मिटता सह परिवार ॥


9
उत्तम व्रतधारी अगर, होते हैं नाराज ।
मिट जायेगा इन्द्र भी, गँवा बीच में राज ॥


 10
तप:श्रेष्ठ यदि क्रुद्ध हों, रखते बडा प्रभाव ।
रखते बड़े सहाय भी, होता नहीं बचाव ॥

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