अखंड सुहागन प्रतिमान - #करवाचौथ !
🙏🙏
अखंड सुहागन प्रतिमान - #करवाचौथ !
करवाचौथ का त्योहार भारतीय संस्कृति के उस पवित्र बंधन का प्रतीक है , जो पति पत्नी के बीच होता है ।
भारतीय संस्कृति में पति को परमेश्वर की संज्ञा दी गई है।
करवाचौथ पति और पत्नी दोनों के लिए नव प्रणय - निवेदन ओर एक दूसरे के प्रति अपार प्रेम, त्याग एवं उत्सर्ग की चेतना लेकर आता है ।
इस दिन स्त्रियां पूर्ण सुहागिन का रूप धारण कर , वस्त्राभूषणों को पहन कर भगवान रजनीश ( चंद्रमा ) से अपने अखंड सुहाग की प्रार्थना करती है ।
स्त्रियां श्रृंगार करके ईश्वर के समक्ष दिन भर के व्रत के बाद यह प्रण भी लेती है कि वे मन , वचन एवं कर्म से पति के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना रखेगी ।
ऐसे पवित्र त्योहार को अकेले में ही मनाए जाने का विधान है। सामूहिक रूप से सेकड़ो की संख्या में एकत्रित होकर करवाचौथ त्योहार मनाएं जाना शास्त्र सम्मत नही है ।
अपने पति के प्रति मन , वचन एवं कर्म से पति के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना केवल अकेले में ही दोनो के द्वारा ईश्वर के समक्ष संकल्प एवं समर्पण किया जा सकता है ।
आज कल सामूहिक प्रदर्शन कर यह त्योहार मनाए जाने की परंपरा बढ़ रही है , जो शास्त्र विरोधी , अनुचित तथा भोंदा प्रदर्शन मात्र है ।
जो पूर्ण विधि से सम्पन्न नही है ।
🙏🙏
Comments
Post a Comment